इस ब्लॉग को ज़रा बेहतर ढंग से समझने के लिए कुछ बानगी---
1.
किया था फ़ैसला के घर से भाग कर शादी रचाएंगे
मगर जब वक्त आया तो, वो निकले न हम निकले।।
2.
मियां, इश्क करके भी देखा
मगर इसमें खर्चे बहुत हैं।।
3.
इश्क़ ने ग़ालिब तिकोना कर दिया
वरना हम भी आदमी चौकोर थे।।
4.
कौन कहता है कि माशूका मेरी गंजी है
'चांद' के सिर पे कहीं बाल उगा करते हैं।।
...शेष फ़िर।
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3 comments:
जीने का जो स्टाईल आपने बताया भाई कमाल का है पर आपके लिए जो चांद है,मेरे लिए तो.....
जीने का जो स्टाईल आपने बताया भाई कमाल का है पर आपके लिए जो चांद है,मेरे लिए तो.....
अमिताभ सिन्हा
भाईजान नाम के मुताबिक शुरूआत माकूल और उम्दा है। सिलसिला कुछ और बढ़ाइए।
शगुफ्ता
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